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क्या इजराइल 56 मुस्लिम देशों को अकेले हरा सकता है?

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56 देशो में से 40 को भूल जाइये……क्यो की वो भुख से लड़ रहे है…..अब बात करते ह 16 देशो की….सऊदी,पाकिस्तान, तुर्की,इराक,इरान, कतर, UAE,मिस्र, लेबनान, जॉर्डन, मलेशिया, इंडोनेशिया, आदि देश…….इन देशों की आपस मे बनती नही ह…. जैसे -सऊदी की तुर्की से,,इराक की ईरान से,,कतर की इराक से आदि…इंडोनेशिया और मलेशिया इनको कोई मतलब ही नही ह….फिर भी मान लेते ह की सभी देश साथ आ जाये तो क्या होगा….सबसे पहले ये 1947 और 1967 में साथ आ चुके ह जिसमें इसराएल की जीत हुई थी…..अगर ये साथ आ जाये तो परमाणु युद्व होगा ,,ये आप मानकर चलिए,,जिसमे बहुत से देश खत्म हो जायेंगे,,,ये बात इन देशों को भी पता है…..इसलिए ये सब देश ट्विटर पर ही युद्ध कर रहे ह ….जिसमें सबसे ज्यादा युद्ध के लिए बेकरार पाकिस्तान हो रहा हैं.बस ट्विटर पर…. 

इज़रायल में 330 ई.पू से हैं यहूदी

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  सन् 330 ई.पू. में सिकन्दर ने ईरान को जीतकर वहाँ के हख़ामनी साम्राज्य का अन्त कर दिया। सन् 320 ई.पू. में सिकन्दर के सेनापति तोलेमी प्रथम ने इज़रायल और यहूदा पर आक्रमण कर उसपर अपना अधिकर कर लिया। बाद में सन् 198 ई॰पू॰ में एक दूसरे यूनानी परिवार सेल्यूकस राजवंश का अंतिओकस चतुर्थ यहूदियों के देश का अधिराज बना। जेरूसलम के बलवे से रुष्ट होकर अन्तिओकस ने उसके यहूदी मन्दिर को लूट लिया और हजारों यहूदियों का वध करवा दिया, शहर की चहारदीवारी को गिराकर जमीन से मिला दिया और शहर यूनानी सेना के सपुर्द कर दिया। अंतिओकस ने यहूदी धर्म का पालन करना इज़रायल और यहूदा दोनों जगह कानूनी अपराध घोषित कर दिया। यहूदी मन्दिरों में यूनानी मूर्तियाँ स्थापित कर दी गईं और तौरेत की जो भी प्रतियाँ मिलीं आग के सपुर्द कर दी गईं। यह स्थिति सन् 142 ई॰पू॰ तक चलती रही। सन् 142 ई॰पू॰ में एक यहूदी सेनापति साइमन ने यूनानियों को हराकर राज्य से बाहर निकाल दिया और यहूदा तथा इज़रायल की राजनीतिक स्वाधीनता की घोषण कर दी। यहूदियों की यह स्वाधीनता 141 ई॰पू॰ से 63 ई॰पू॰ तक बराबर बनी रही। यह वह समय था जब भारत में बौद्ध भिक्षु और भारत...

राजकुमारी लतीफा कौन हैं? उन्हें क्यों कैद कर के रखा गया है?

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        4 मार्च 2018 की रात थी केरल के समुद्र तट से कुछ दूरी पर एक विदेशी बड़ी नौका Nostromo भारतीय समुद्र में लंगर डाले हुए थी.... उसे भारतीय तटरक्षक बल ने वहाँ रोका हुआ था उस नौका पर डेढ़ दर्जन लोग सवार थे और उनमें से कई बढ़िया से ट्रेनिंग पाए हथियार लिए पूर्व सैनिक भी थे... रात के घुप अंधेरे में भारतीय नौसेना के MARCOS कमांडो एक छोटी नौका से #Nostromo के करीब पहुंचे.... ये सिर्फ 6 लोग उस नौका पर चढ़ गए और अगले सिर्फ 10 मिनट में ऑपरेशन पूरा हो गया..... सभी सवार पीछे हाथ बंधे नौका पर बैठे थे सिर्फ एक को छोड़..... उस एक युवती को तत्काल हेलीकाप्टर से भारतीय नौसेना के एक बेस पर पहुँचा दिया गया...... और इसकी सूचना सीधे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के जरिये प्रधानमंत्री को दे दी गयी.... कौन थी ये युवती.... जिसके लिए ये सब हुआ... और खबर भी नहीं बनने दी गयी...?? 02 मार्च 2018 को भारत के प्रधानमंत्री के पास एक फ़ोन आया ये फ़ोन था UAE के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मखतूम का, पर ये कोई आधिकारिक फ़ोन कॉल न थी..... ये एक पिता का फोन था जो अपनी बेटी को सुरक्षित वापस ला कर अपन...

श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर।

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  श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर। आँखो में आंसू ला दिये इस कहानी ने  "अरे! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहीं होता . अस्सी पार चुके हैं . अब बस सेवा कीजिये ." डाक्टर पिता जी को देखते हुए बोला . "डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा . साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है ." "शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही कर सकता हूँ . बस आप इन्हें खुश रखिये . इस से बेहतर और कोई दवा नहीं है और इन्हें लिक्विड पिलाते रहिये जो इन्हें पसंद है ." डाक्टर अपना बैग सम्हालते हुए मुस्कुराया और बाहर निकल गया . शंकर पिता को लेकर बहुत चिंतित था . उसे लगता ही नहीं था कि पिता के बिना भी कोई जीवन हो सकता है . माँ के जाने के बाद अब एकमात्र आशीर्वाद उन्ही का बचा था . उसे अपने बचपन और जवानी के सारे दिन याद आ रहे थे . कैसे पिता हर रोज कुछ न कुछ लेकर ही घर घुसते थे . बाहर हलकी-हलकी बारिश हो रही थी . ऐसा लगता था जैसे आसमान भी रो रहा हो . शंकर ने खुद को किसी तरह समेटा और पत्नी से बोला - "सुशीला ! आज सबके लिए मूंग दाल के पकौड़े , हरी चटनी बनाओ . मैं बाहर से जलेबी लेकर आता हूँ ." पत्नी ने दाल पहले ही भ...

बाजार में पालक बेचने ऑडी कार से आया किसान, गजब का है भौकाल, देखने वाले रह गए हैरान

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नाथ नगरी बरेली :   किसान शब्द सुनते ही आपके जेहन में ज्यादातर एक गरीब और तंगहाल शख्स की तस्वीर बनती होगी, मगर तब क्या होगा जब आपके सामने कोई किसान महंगी ऑडी कार से उतरकर बाजार में साग-सब्जी बेचता दिखे? जी हां, बरेली का एक किसान सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ इसी वजह से काफी वायरल है. दरअसल, बरेली का एक किसान बाजार में साग-सब्जी बेचने अपनी ऑडी A4 चलाकर गया, इसके बाद उन्हें जिसने भी देखा हैरान रह गया.  36 वर्षीय सुजीत एसपी को नवीन कृषि तकनीकों के बारे में जागरूकता फैलाने, विभिन्न फसलें को उगाने और कृषि के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने का श्रेय जाता है. हालांकि, इस बार सुजीत अपने किसी नवीन कृषि पद्धतियों के लिए नहीं बल्कि अपनी सवारी के लिए सुर्खियों में हैं. जिस ऑडी ए4 कार से वह लाल पालक बेचने बाजार में गए, उसकी कीमत 44 लाख रुपये से अधिक है.

इसमें फंसती/मरती कौन हैं... छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय और निचले तबके की ज्यादातर पढ़ी लिखी लडकियाँ, जिनके परिवार का कोई राजनीतिक और क़ानूनी पकड़ नहीं होती...सीधे साधे और दुनियादारी से अनजान भोले भाले लोग।

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 2 मिनट का समय हो तो जरूर पढ़ें, आपकी आँखे खोलने के लिए बहुत है 👇 तीन चीजें... ध्यान देनें की हैं...... प्यार मोहब्बत को सपोर्ट / प्रोमोट कौन करता है... बॉलीवुड , टीवी सीरियल, प्राइवेट न्यूज चैनल/ FM रेडियो , वामपंथी , महिलावादी बुद्धिजीवी कमाई किसकी होती है... शुरू में... विदेशी गिफ्ट कम्पनियों की, विदेशी चाकलेट, बेकरी कम्पनियों की, विदेशी precaution ( गर्भनिरोधक गोलियों ) की , पोर्न इंडस्ट्रीज की, बॉलीवुड/फिल्मों की... बाद में... गर्भपात करने वाले डॉक्टर्स की, अजन्मे बच्चों को बेचकर, बाझपन/कैंसर/गुप्त रोग के डॉक्टर्स और स्त्री रोग विशेषज्ञों की, सोशल नेट्वर्किंग एप्प और पोर्न साईट की, सच्ची घटनाओं पर आधारित टीवी सीरियल/शोर्ट मूवी की, ट्रैफिकिंग के बाद अंग व्यापार और जू प्रोडक्ट इंडस्ट्रीज की, महिला सुरक्षा के खोखले वादों पर वोट बनाने वाले और फर्जी योजनाएं चलाने वाले नेताओं...और भी कई हैं...बड़े छोटे... इसमें फंसती/मरती कौन हैं... छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय और निचले तबके की ज्यादातर पढ़ी लिखी लडकियाँ, जिनके परिवार का कोई राजनीतिक और क़ानूनी पकड़ नहीं होती...सीधे साधे और दुनियादारी...

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ की सलाह

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  एक व्यक्ति ने व्यापार में उन्नति की और लंदन में ज़मीन ख़रीद उस पर आलीशान घर बनाया। भूमि पर पहले से ही एक खूबसूरत स्विमिंग पूल और पीछे की और एक 100 साल पुराना लीची का पेड़ था। उन्होंने वो भूमि उस लीची के पेड़ के कारण ही ख़रीदी थी, क्यूँकि उनकी पत्नी को लीचियाँ बहुत पसंद थी। कुछ अरसे बाद Renovation के समय उनके कुछ मित्रों ने सलाह दी,उन्हें किसी वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यद्यपि उसे ऐसी बातों पर विश्वास नहीं था, फिर भी मित्रों का मन रखने के लिए उन्होंने बात मान ली और Hongkong से 30 साल से वास्तु शास्त्र के बेहद प्रसिद्ध Master Cao को बुलवा लिया। उन्हें Airport से लिया, दोनों ने शहर में खाना खाया और उसके बाद वो उन्हें अपनी कार में ले कर अपने घर की ओर चल दिए। रास्ते में जब भी कोई कार उन्हें Overtake करने की कोशिश करती, वो उसे रास्ता दे देते। Master Cao ने हंसते हुए कहा आप बहुत Safe driving करते हैं। उसने भी हंसते हुए प्रत्युत्तर में कहा लोग अक्सर Overtake तभी करते हैं जब उन्हें कुछ आवश्यक कार्य हो, इसलिए हमें उन्हें रास्ता देना चाहिए। घर के पास पहुँचते-पहुँचते सड़क थो...

विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है

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रवि पटेल विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है  1-Divorce (अंग्रेजी)  2-तलाक (उर्दू)  कृपया हिन्दी का शब्द बताए...?? एक दिन खबर आई कि... एक आदमी ने झगड़े के बाद... अपनी पत्नी की हत्या कर दी...। मैंने खब़र में हेडिंग लगाई कि... "पति ने अपनी बीवी को मार डाला"...! खबर छप गई..., किसी को आपत्ति नहीं थी...। पर शाम को... दफ्तर से घर के लिए निकलते हुए... प्रधान संपादक ... सीढ़ी के पास मिल गए...। मैंने उन्हें नमस्कार किया... तो कहने लगे कि....., पति की... 'बीवी' नहीं होती...!" “पति की... 'बीवी' नहीं होती?” मैं चौंका था " “बीवी" तो... 'शौहर' की होती है..., 'मियाँ' की होती है..., पति की तो... 'पत्नी' होती है...! "  "भाव तो साफ है न ?" बीवी कहें... या पत्नी... या फिर वाइफ..., सब एक ही तो हैं..., लेकिन मेरे कहने से पहले ही... उन्होंने मुझसे कहा कि... "भाव अपनी जगह है..., शब्द अपनी जगह...! कुछ शब्द... कुछ जगहों के लिए... बने ही नहीं होते...! ऐसे में शब्दों का घालमेल गड़बड़ी पैदा करत...

गंग वंश,काकतीय वंश इतिहास गंगवार

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 भारत में गंग वंश नाम के दो अलग-अलग, लेकिन दूर के संबंधी राजवंश थे। https://youtu.be/7uOBVpZA6I0 इस वंस के लोग आज गंगवाल / गंगवार /सिंगरौर, उमराव, चंद्राकर, गंगवार, कम्मा, कान्बी, कापू, कटियार, कुलंबी, कुलवाड़ी, कुनबी, कुटुम्बी, नायडू, पटेल, रेड्डी, सचान, वर्मा और वोक्कालिगा /गहरवार / रेड्डी/ रावत/ मराठा ठाकरे/ प्रसाद, सिन्हा, सिंह, प्रधान, बघेल, चौधरी, पाटीदार, कुनबी, कुमार, पाटिल, मोहंती, कनौजिया  आदि नाम से जाने जाते है । पश्चिमी गंग वंश (250 से लगभग 1004 ई)पूर्वी गंग वंश (1028 से 1434-35 ई.) इतिहास पश्चिमी गंग वंश का 250 से लगभग 1004 ई. तक मैसूर राज्य (गंगवाड़ी) पर शासन था। पूर्वी गंग वंश ने 1028 से 1434-35 ई. तक कलिंग पर शासन किया। इस नाम के भारत में दो अलग-अलग, लेकिन दूर के संबंधी राजवंश थे। पश्चिमी गंग वंश के प्रथम शासक, कोंगानिवर्मन, ने अपने विजय अभिमानों से राज्य की स्थापना की, लेकिन उनके उत्तराधिकारियों माधव और हरिवर्मन ने पल्लवों, चालुक्यों और कंदबों के साथ वैवाहिक और सैनिक समझौतों से अपने प्रभाव क्षेत्रों में वृद्धि की। आठवीं शताब्दी के अंत में एक पारिवारिक विवाद ...

स्टोरी एक भारतीय की,,, घर-घर साड़ियां बेचते थे Adani,जानिए 16 साल की उम्र में ₹10 लेकर उन्होंने घर छोड़ा और मुंबई में एक हीरा व्यापारी के यहां उन्हें नौकरी मिल गई. कुछ महीने काम करने के बाद उनके भाई मनसुखलाल ने उन्हें घर बुला लिया उसके बाद वह भाई के साथ मिलकर प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे. 1988 में भाई के साथ उन्होंने एक कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की और उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने बिजनेस के क्षेत्र में कदम रख दिया. आज अदानी बिजनेस के दुनिया के बहुत बड़े नाम बन चुके हैं.गए विश्व के बड़े बिजनेसमैन,

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  आजकल गौतम अडानी सुर्खियों में बने हुए हैं क्योंकि अमेरिकी रिसर्च फॉर्म हिंडोनवर्ग रिसर्च रिपोर्ट की एक रिपोर्ट ने अडानी के कारोबार को हिला कर रख दिया है. आज का लगातार अदानी ग्रुप घाटे में जा रही है. लेकिन आपको यह भी बता दे कि अडानी कोई छोटा सा नाम नहीं है जो हवा के झोंके के साथ बह जाएगा बल्कि उन्होंने अपने मेहनत और लगन के दम पर अरबों डॉलर रुपए का कारोबार खड़ा किया है. कभी पैसे के बिना वह कॉलेज नहीं जा पाए थे और आज वह हजारों लाखों लोगों को नौकरी दे रहे हैं. मात्र शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि अदानी ग्रुप बंदरगाह ऊर्जा रसद कृषि व्यवसाय रियल एस्टेट हवाई अड्डे प्राकृतिक गैस और कई क्षेत्रों को नियंत्रित करता है. आपको बता दें कि यहां तक पहुंचने के लिए गौतम अडानी ने खून पसीना बहाया है और काफी मेहनत की बदौलत वह यहां तक पहुंच पाए हैं. एक समय था जब गौतम अडानी अपने पिता के साथ लोगों के घर जा जाकर साड़ियां बेचते थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात मलाई महादेविया से हुई और दोनों दोस्त बन गए. आपको बता दें कि दोनों आज भी साथ है और पहले तो वह अहमदाबाद में काम किए और जब काम वहां आगे नहीं बढ़ा...

ढोल गवार शुद्र पशु नारी यह सब का गलत अर्थ निकाला गया इसका सही अर्थ मैं बताता हू

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          रवि गंगवार   तुलसीदास जी रचित रामचरित मानस में नारियों को सम्मान जनक रूप में प्रस्तुत किया है। जिससे ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’ ही सिद्ध होता है। नारियों के बारे में उनके जो विचार देखने में आते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-   तुलसीदास जी ने जो शूद्र शब्द का प्रयोग किया है उसका अर्थ किसी जाति विशेष से नहीं बल्कि नौकरशाही से जो किसी के लिए काम करते हैं गलत अर्थ निकाल कर किसी को आप बुरा भला नहीं कह सकत   धीरज, धर्म, मित्र अरु नारी। आपद काल परखिए चारी।। अर्थात धीरज, धर्म, मित्र और पत्नी की परीक्षा अति विपत्ति के समय ही की जा सकती है। इंसान के अच्छे समय में तो उसका हर कोई साथ देता है, जो बुरे समय में आपके साथ रहे वही आपका सच्चा साथी है। उसीके ऊपर आपको सबसे अधिक भरोसा करना चाहिए।     जननी सम जानहिं पर नारी । तिन्ह के मन सुभ सदन तुम्हारे ।। अर्थात जो पुरुष अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री को अपनी मां सामान समझता है, उसी के ह्रदय में भगवान का निवास स्थान होता है। जो पुरुष दूसरी नारियों के साथ संबंध ...

हिंदू विरोधी केजरीवाल और सुप्रीमकोर्ट ने दीपावली पर पटाखे चलाने पर 6 महीने की जेल और ₹2000 का जुर्माना किया लेकिन पराली जलाकर किसानों के द्वारा जो भयंकर रूप से प्रदूषण किया जा रहा है, उस पर केजरीवाल और सुप्रीम कोर्ट स्वत संज्ञान क्यों नहीं लेते हैं?

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  * जो मित्र आज भाजपा को गाली देते है उनके लिएl *चांदनी चौक के बगल में और दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद के जोड़ों जोड़ बाजार गुलियान ! बिल्कुल मीना बाजार से लगता हुआ। हां वही मीना बाजार...आई हो कहां से गौरी आंखो में प्यार लेके...दिल्ली शहर का सारा मीना बाजार लेके ! वाह क्या मधुर संगीत था ओ पी नैयर साहब का। क्या दिलकश आवाज थी शमशाद बेगम और आशा ताई की।  खैर अभी बात संगीत की नहीं बाजार गुलियान की करनी है। पटाखों का सबसे पुराना बाजार। आजादी से भी पहले का। पटाखा व्यापारियों की तीन तीन पीढ़ियों हो गई पटखो के इस कारोबार में  सन 2013  दीपावली के आसपास का वक्त  केंद्र में कांग्रेस लीड यूपीए की सरकार। और सरकार के बड़े मंत्रियों में शुमार श्रीमान कपिल सिब्बल। देश के जाने माने वकील। दिल्ली के चांदनी चौक जैसे प्रतिष्ठित व्यापारिक क्षेत्र से संसद सदस्यl  सिब्बल साहब एक दुकान से पटाखों का ऑर्डर देते हैं। शायद कोई फंक्शन था कांग्रेस पार्टी का, उसके लिए। पौने दो लाख के पटाखे। सिब्बल साहब का आदमी आता है और पटाखे लेकर चला जाता है।  हिसाब तो आगे पीछे होता ही रहता है। दु...

मेरे एक मुस्लिम दोस्त ने कश्मीर फाइल्स मूवी देखी तो उसका कहना था कि जब देश में सब सही चल रहा होता है तभी कुछ न कुछ हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा होता है, कौन करता है....

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  सही कहा है। 1989 में कश्मीर में सब कुछ सही था और ये व्यापक नरसंहार हो गया। ये नरसंहार तब भी समाप्त नहीं हुआ आज भी जारी है। जो अन्य इलाको में कुछ हिन्दू परिवार रह गए थे वो भी छोड़ छोड़कर भाग रहे हैं। पुरानो की वापसी तो बहुत दूर की बात है। 2002 में भी सब कुछ सही था और रेल का डिब्बा जलाया गया और दंगे भड़के। अच्छा खासा देश की आजादी का संधर्ष चल रहा था लेकिन ज्यो ही देश आजाद होने लगा तो 16 अगस्त 1946 को Direct Action Day घोषित हुआ और दंगे भड़क गए। अग्रेजो से संघर्ष करना तो दूर , 1922 में इसी प्रकार हिन्दुओ केरल से भगाया गया जिसको स्वतंत्रता संग्राम का नाम देकर आजादी के बाद भी हत्यारों को पेंशन दी गई। ना जाने कितनी बार जब देश में सब कुछ सही था देश की शान्ति भंग हुई है। भय ये है कि ऐसा और कितनी बार होगा। जो अजीब बात है वो आपके मित्र का इस फिल्म के आने से शायद सब कुछ सही ना रहे ऐसा भाव है। यदि उनका पक्ष ये है कि ये नरसंहार हुआ है और गलत हुआ है तो भला उसके सामने आने से कैसा परहेज। यदि भारत के मुसलमान खुलकर उस नरसंहार का विरोध करें तो वे दिल जीत लेंगे अगर दिल जीतने की उनमे चाह हो। यदि जिहाद दि...

आंखे जिस पल को तरसी थीं, वह दृश्य दिखाया योगी ने, उस सदन बीच खुलकर हिन्दू उत्कर्ष दिखाया योगी ने

 मुझे यह कविता बहुत पसन्द आई आपको कैसी लगी खुद बताए ************* *आंखे जिस पल को तरसी थीं,*     *वह दृश्य दिखाया योगी ने।* *उस सदन बीच खुलकर हिन्दू*      *उत्कर्ष दिखाया योगी ने।।* *निज धर्म, कर्म पर गौरव है,*      *ये सिखा दिया है योगी ने।* *जो मोदी ने शुरू किया,*    *वो दिखा दिया है योगी ने।।* *बेशर्म जनेऊ धारी थे,*          *जो इफ़्तारो में जाते थे।* *हाथों से तिलक मिटा करके जो,*          *टोपी गोल लगाते थे।।* *वोटों की भूख जिन्हें  मस्ज़िद*      *दरगाहों तक ले जाती थी।* *खुद को हिन्दू कहने में जिनकी*        *रूह तलक शर्माती थी।।* *उन ढोंगी धर्म कपूतों की*      *छाती पर चढ़कर बोल दिया।* *क्यों ईद मनाऊं? हिन्दू हूं,*      *ऐलान अकड़कर बोल दिया।।* *जड़ दिया तमाचा, और लिखी*      *इक नयी कहानी योगी ने।* *लो डूब मरो, बंटवा डाला,*      *चुल्लू भर पानी योगी ने।।* *संकेत दिखा है साफ़ साफ़*  ...

‘द ग्रेट खली’ हुए भाजपा में शामिल, Great Khali joins BJP:

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नयी दिल्ली...... 10 फरवरी विश्व कुश्ती मनोरंजन में अपने प्रदर्शन से लोगों का दिल जीतने वाले और ‘द ग्रेट खली’ के नाम से मशहूर दलीप सिंह राणा ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी BJP google photo की सदस्यता ग्रहण कर ली।पंजाब पुलिस के अधिकारी रह चुके खली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया।उन्होंने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा महासचिव अरुण सिंह की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में भाजपा का दामन थामा।खली ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। बाद में सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द कर दिया था। जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि खली राष्ट्रवादी सोच के व्यक्ति हैं और वह कहीं भी रहें, उनका दिल भारत के लिए धड़कता है। खली ने कहा कि मोदी के रूप में भारत को एक अच्छा प्रधानमंत्री मिला है। उन्होंने कहा कि देश के विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए वह भाजपा में शामिल हुए हैं।

Modi a Genius Man

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BJP and Samajwadi Party Manifesto: भाजपा और सपा ने अपने घोषणा पत्र में किए क्या वादे, पढ़ें

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  BJP banam Samajwadi Party Manifesto:  यूपी इलेक्शन 2022 के लिए उत्तर प्रदेश की दोनों  प्रमुख पार्टियों समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र को लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 नाम दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो को वचन पत्र नाम दिया है.  बीजेपी के संकल्प पत्र 2022 में क्या है खास  मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा का मेनिफेस्टो जारी किया.  लघु और सीमांत किसानों को बोरवेल, ट्यूबवेल, तालाब एवं टैंक निर्माण के लिए अनुदान देंगे. युवाओं को खेल के क्षेत्र में समृद्ध बनाने के लिए मेजर ध्यानचंद खेल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू किया जाए, जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों समेत पूरे प्रदेश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एवं नवीनीकरण किया जाए. कॉलेज जाने वाली छात्राओं को फ्री स्कूटी, 60 साल से ऊपर की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में फ्री यात्रा मिलेगी. बीजेपी के संकल्प पत्र में किसानों के लिए बीजेपी ने किया बड़ा एलान किया है. यूपी के हर...