स्टोरी एक भारतीय की,,, घर-घर साड़ियां बेचते थे Adani,जानिए 16 साल की उम्र में ₹10 लेकर उन्होंने घर छोड़ा और मुंबई में एक हीरा व्यापारी के यहां उन्हें नौकरी मिल गई. कुछ महीने काम करने के बाद उनके भाई मनसुखलाल ने उन्हें घर बुला लिया उसके बाद वह भाई के साथ मिलकर प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे. 1988 में भाई के साथ उन्होंने एक कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की और उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने बिजनेस के क्षेत्र में कदम रख दिया. आज अदानी बिजनेस के दुनिया के बहुत बड़े नाम बन चुके हैं.गए विश्व के बड़े बिजनेसमैन,

 आजकल गौतम अडानी सुर्खियों में बने हुए हैं क्योंकि अमेरिकी रिसर्च फॉर्म हिंडोनवर्ग रिसर्च रिपोर्ट की एक रिपोर्ट ने अडानी के कारोबार को हिला कर रख दिया है. आज का लगातार अदानी ग्रुप घाटे में जा रही है. लेकिन आपको यह भी बता दे कि अडानी कोई छोटा सा नाम नहीं है जो हवा के झोंके के साथ बह जाएगा बल्कि उन्होंने अपने मेहनत और लगन के दम पर अरबों डॉलर रुपए का कारोबार खड़ा किया है.


कभी पैसे के बिना वह कॉलेज नहीं जा पाए थे और आज वह हजारों लाखों लोगों को नौकरी दे रहे हैं. मात्र शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि अदानी ग्रुप बंदरगाह ऊर्जा रसद कृषि व्यवसाय रियल एस्टेट हवाई अड्डे प्राकृतिक गैस और कई क्षेत्रों को नियंत्रित करता है.

आपको बता दें कि यहां तक पहुंचने के लिए गौतम अडानी ने खून पसीना बहाया है और काफी मेहनत की बदौलत वह यहां तक पहुंच पाए हैं. एक समय था जब गौतम अडानी अपने पिता के साथ लोगों के घर जा जाकर साड़ियां बेचते थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात मलाई महादेविया से हुई और दोनों दोस्त बन गए. आपको बता दें कि दोनों आज भी साथ है और पहले तो वह अहमदाबाद में काम किए और जब काम वहां आगे नहीं बढ़ा तो वह मुंबई चले गए.

16 साल की उम्र में ₹10 लेकर उन्होंने घर छोड़ा और मुंबई में एक हीरा व्यापारी के यहां उन्हें नौकरी मिल गई. कुछ महीने काम करने के बाद उनके भाई मनसुखलाल ने उन्हें घर बुला लिया उसके बाद वह भाई के साथ मिलकर प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे. 1988 में भाई के साथ उन्होंने एक कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की और उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने बिजनेस के क्षेत्र में कदम रख दिया. आज अदानी बिजनेस के दुनिया के बहुत बड़े नाम बन चुके हैं.


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