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नीतीश कुमार ने क्यों मारी पलटी..जान लीजिए क्या रही I.N.D.I.A. गठबंधन छोड़ने की 5 वजह

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Nitish Kumar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन (Mahagathbandhan) से दूरी और NDA से नजदीकियां क्या सिर्फ एक दिन का खेल है? शायद नहीं. तो चलिए आपको बताते हैं नीतीश कुमार के पलटने की पूरी कहानी......... 5 Reasons why Nitish Kumar Left I.N.D.I.A. Alliance:  राजनीति, एक ऐसी जगह जहां सबकुछ जायज है. सियासत में ना कोई परमानेंट दोस्त होता है और ना ही दुश्मन. और बात जब बिहार और नीतीश कुमार की हो तो ये कहावत पूरी तरह सटीक साबित हो जाती है. पलटी मारने के लिए मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने फैसले से सियासी दिग्गजों को फिर चौंका दिया है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन को ऐसा झटका दिया कि विपक्षी नेताओं का उबरना आसान नहीं है. करीब 2 साल तक पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को कोसने वाले नीतीश को, मोदी के सहारे ही 24 की चुनावी नैय्या पार होती दिख रही है. लेकिन, महागठबंधन (Mahagathbandhan) से दूरी और NDA से नजदीकियां क्या सिर्फ एक दिन का खेल है? शायद नहीं. तो चलिए आपको बताते हैं नीतीश कुमार के पलटने की पूरी कहानी....

ईरान ( फ़ारस )दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक हैl साम्राज्य के तहत मिस्री, अरब, यूनानी, आर्य (ईरान), यहूदी तथा अन्य कई नस्ल के लोग थे

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  ईरान दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में साइरस महान ने हख़ामनी साम्राज्य की स्थापना की जो इतिहास के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक बना। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में सिकंदर ने इस साम्राज्य को परास्त कर दिया। यूनानी राज के बाद इस पर पहलवी तथा सासानी साम्राज्यों का राज रहा। अरब मुसलमानों ने सातवीं शताब्दी ईस्वी में इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और इसका इस्लामीकरण किया। आगे चलके यह इस्लामी संस्कृति और शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन गया। इसकी कला, साहित्य, दर्शन और वास्तुकला इस्लामी स्वर्ण युग के दौरान इस्लामी दुनिया में और उससे आगे फैल गई। तुर्क और मंगोल शासन के बाद पंद्रहवीं शताब्दी में ईरान फिर से एकजुट हुआ। उन्नीसवीं सदी तक इसने अपनी काफ़ी ज़मीन खो दी थी। 1953 के तख्तापलट ने निरंकुश शासक मोहम्मद रज़ा पहलवी को और ताकतवर बना दिया जिसने दूरगामी सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की। इस्लामी क्रांति के बाद ईरान को 1979 में इस्लामी गणराज्य घोषित किया गया था। आज, ईरान एक इस्लामी गणराज्य तथा धर्मतंत्र है। ईरानी सरकार मानवाधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के हनन के ल...

मांस का मूल्य

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  मांस का मूल्य मगध सम्राट बिंन्दुसार ने एक बार अपनी सभा मे पूछा :  देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए  सबसे सस्ती वस्तु क्या है ? मंत्री परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये ! चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा आदि तो बहुत श्रम के बाद मिलते हैं और वह भी तब, जब प्रकृति का प्रकोप न हो, ऎसी हालत में अन्न तो सस्ता हो ही नहीं सकता ! तब शिकार का शौक पालने वाले एक सामंत ने कहा : राजन,  सबसे सस्ता खाद्य पदार्थ मांस है,  इसे पाने मे मेहनत कम लगती है और पौष्टिक वस्तु खाने को मिल जाती है । सभी ने इस बात का समर्थन किया, लेकिन प्रधान मंत्री चाणक्य चुप थे ।  तब सम्राट ने उनसे पूछा :  आपका इस बारे में क्या मत है ?  चाणक्य ने कहा : मैं अपने विचार कल आपके समक्ष रखूंगा ! रात होने पर प्रधानमंत्री उस सामंत के महल पहुंचे, सामन्त ने द्वार खोला, इतनी रात गये प्रधानमंत्री को देखकर घबरा गया । प्रधानमंत्री ने कहा :  शाम को महाराज एकाएक बीमार हो गये हैं, राजवैद्य ने कहा है कि किसी बड़े आदमी के हृदय का दो तोला मांस मिल जाए तो राजा के प्राण बच सकते हैं, इसलिए मैं आपके पास आपक...

कुर्मी वंश का गौरव शाली इतिहास

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posted by  Harsh Verma  April 27, 2019 जो स्थान यूरोप के इतिहास में रोमन व ग्रीक का है वही स्थान भारतीय इतिहास में कूर्म वंश का हैं। इसी कूर्म वंश में छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, राजा मिहिरभोज, राजा राजा चोलम प्रथम जैसे वीरो ने जन्म लिया। विश्व की प्राचीनतम पुस्तक वेदों में भी कूर्म वंश का उल्लेख मिलता है जोकि कुर्मी समाज की प्राचीनता को दरसत है। पूरा दक्षिण-एशिया कूर्म वंश के राज के अंदर राह चुका हैं। राजा राजा चोलम प्रथम व राजेन्द्र चोल जैसे कुर्मी वीरो ने दक्षिण-पूर्व देशों के ऊपर भी विजय प्राप्त की और भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म का प्रचार किया जिसका अंश आज भी मलेशिया, थाईलैंड जैसे कई अन्य दक्षिण-पूर्वी देशों में दिखाई देती है।भारतीय संस्कृति व कला में कुर्मियों का एक बड़ा योगदान है  विश्वभर में बने अधिकतर विशाल व प्राचीन हिन्दू मंदिर कूर्म वंश के राजाओं द्वारा ही बनाये गए है जैसे कि विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर जोकि थाईलैंड में स्थित हैं उसका भी निर्माण कुर्मी नरेश सूर्यदेव वर्मन ।। ने ही कराया था। वर्तमान समय मे भारत सहित नेपाल, बंगलादेश, बलूचिस्त...

Prevention of Communal Violence Bill 2011 यूपीए सरकार के इस बिल पर हुआ था जबरदस्त विरोध

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यूपीए सरकार के इस बिल पर हुआ था जबरदस्त विरोध 2011 में यूपीए सरकार के दौरान सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम बिल (Prevention of Communal Violence Bill 2011) पेश किया गया था. इस बिल को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (National Advisory Council) ने तैयार किया था. इस परिषद की अध्यक्ष सोनिया गांधी थी. सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए लाए इस बिल का बीजेपी ने जबरदस्त विरोध किया था. बीजेपी का आरोप था कि इस बिल के जरिए सरकार धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है. बीजेपी ने इस बिल को सोनिया गांधी का काला कानून करार दिया था. बीजेपी का आरोप था कि सांप्रदायिक दंगा निवारण बिल 2011 देश की हिंदू आबादी के खिलाफ है. इस बिल को जानबूझकर मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से तैयार किया गया है. इस बिल के प्रावधान ऐसे थे, जो साफतौर पर धर्म और जाति के आधार पर बंटवारा करने वाले थे. बिल में बहुसंख्यकों को माना था दंगा फैलाने का जिम्मेदार सांप्रदायिक दंगा निवारण बिल में समूहों का बंटवारा बहुसंख्यक आबादी और अल्पसंख्यक आबादी के आधार पर किया गया था. बिल में धार्मिक, जातीय और भाषाई आधार पर बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक आबादी की पहच...

क्या इजराइल 56 मुस्लिम देशों को अकेले हरा सकता है?

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56 देशो में से 40 को भूल जाइये……क्यो की वो भुख से लड़ रहे है…..अब बात करते ह 16 देशो की….सऊदी,पाकिस्तान, तुर्की,इराक,इरान, कतर, UAE,मिस्र, लेबनान, जॉर्डन, मलेशिया, इंडोनेशिया, आदि देश…….इन देशों की आपस मे बनती नही ह…. जैसे -सऊदी की तुर्की से,,इराक की ईरान से,,कतर की इराक से आदि…इंडोनेशिया और मलेशिया इनको कोई मतलब ही नही ह….फिर भी मान लेते ह की सभी देश साथ आ जाये तो क्या होगा….सबसे पहले ये 1947 और 1967 में साथ आ चुके ह जिसमें इसराएल की जीत हुई थी…..अगर ये साथ आ जाये तो परमाणु युद्व होगा ,,ये आप मानकर चलिए,,जिसमे बहुत से देश खत्म हो जायेंगे,,,ये बात इन देशों को भी पता है…..इसलिए ये सब देश ट्विटर पर ही युद्ध कर रहे ह ….जिसमें सबसे ज्यादा युद्ध के लिए बेकरार पाकिस्तान हो रहा हैं.बस ट्विटर पर…. 

इज़रायल में 330 ई.पू से हैं यहूदी

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  सन् 330 ई.पू. में सिकन्दर ने ईरान को जीतकर वहाँ के हख़ामनी साम्राज्य का अन्त कर दिया। सन् 320 ई.पू. में सिकन्दर के सेनापति तोलेमी प्रथम ने इज़रायल और यहूदा पर आक्रमण कर उसपर अपना अधिकर कर लिया। बाद में सन् 198 ई॰पू॰ में एक दूसरे यूनानी परिवार सेल्यूकस राजवंश का अंतिओकस चतुर्थ यहूदियों के देश का अधिराज बना। जेरूसलम के बलवे से रुष्ट होकर अन्तिओकस ने उसके यहूदी मन्दिर को लूट लिया और हजारों यहूदियों का वध करवा दिया, शहर की चहारदीवारी को गिराकर जमीन से मिला दिया और शहर यूनानी सेना के सपुर्द कर दिया। अंतिओकस ने यहूदी धर्म का पालन करना इज़रायल और यहूदा दोनों जगह कानूनी अपराध घोषित कर दिया। यहूदी मन्दिरों में यूनानी मूर्तियाँ स्थापित कर दी गईं और तौरेत की जो भी प्रतियाँ मिलीं आग के सपुर्द कर दी गईं। यह स्थिति सन् 142 ई॰पू॰ तक चलती रही। सन् 142 ई॰पू॰ में एक यहूदी सेनापति साइमन ने यूनानियों को हराकर राज्य से बाहर निकाल दिया और यहूदा तथा इज़रायल की राजनीतिक स्वाधीनता की घोषण कर दी। यहूदियों की यह स्वाधीनता 141 ई॰पू॰ से 63 ई॰पू॰ तक बराबर बनी रही। यह वह समय था जब भारत में बौद्ध भिक्षु और भारत...

राजकुमारी लतीफा कौन हैं? उन्हें क्यों कैद कर के रखा गया है?

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        4 मार्च 2018 की रात थी केरल के समुद्र तट से कुछ दूरी पर एक विदेशी बड़ी नौका Nostromo भारतीय समुद्र में लंगर डाले हुए थी.... उसे भारतीय तटरक्षक बल ने वहाँ रोका हुआ था उस नौका पर डेढ़ दर्जन लोग सवार थे और उनमें से कई बढ़िया से ट्रेनिंग पाए हथियार लिए पूर्व सैनिक भी थे... रात के घुप अंधेरे में भारतीय नौसेना के MARCOS कमांडो एक छोटी नौका से #Nostromo के करीब पहुंचे.... ये सिर्फ 6 लोग उस नौका पर चढ़ गए और अगले सिर्फ 10 मिनट में ऑपरेशन पूरा हो गया..... सभी सवार पीछे हाथ बंधे नौका पर बैठे थे सिर्फ एक को छोड़..... उस एक युवती को तत्काल हेलीकाप्टर से भारतीय नौसेना के एक बेस पर पहुँचा दिया गया...... और इसकी सूचना सीधे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के जरिये प्रधानमंत्री को दे दी गयी.... कौन थी ये युवती.... जिसके लिए ये सब हुआ... और खबर भी नहीं बनने दी गयी...?? 02 मार्च 2018 को भारत के प्रधानमंत्री के पास एक फ़ोन आया ये फ़ोन था UAE के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मखतूम का, पर ये कोई आधिकारिक फ़ोन कॉल न थी..... ये एक पिता का फोन था जो अपनी बेटी को सुरक्षित वापस ला कर अपन...

श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर।

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  श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर। आँखो में आंसू ला दिये इस कहानी ने  "अरे! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहीं होता . अस्सी पार चुके हैं . अब बस सेवा कीजिये ." डाक्टर पिता जी को देखते हुए बोला . "डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा . साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है ." "शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही कर सकता हूँ . बस आप इन्हें खुश रखिये . इस से बेहतर और कोई दवा नहीं है और इन्हें लिक्विड पिलाते रहिये जो इन्हें पसंद है ." डाक्टर अपना बैग सम्हालते हुए मुस्कुराया और बाहर निकल गया . शंकर पिता को लेकर बहुत चिंतित था . उसे लगता ही नहीं था कि पिता के बिना भी कोई जीवन हो सकता है . माँ के जाने के बाद अब एकमात्र आशीर्वाद उन्ही का बचा था . उसे अपने बचपन और जवानी के सारे दिन याद आ रहे थे . कैसे पिता हर रोज कुछ न कुछ लेकर ही घर घुसते थे . बाहर हलकी-हलकी बारिश हो रही थी . ऐसा लगता था जैसे आसमान भी रो रहा हो . शंकर ने खुद को किसी तरह समेटा और पत्नी से बोला - "सुशीला ! आज सबके लिए मूंग दाल के पकौड़े , हरी चटनी बनाओ . मैं बाहर से जलेबी लेकर आता हूँ ." पत्नी ने दाल पहले ही भ...

बाजार में पालक बेचने ऑडी कार से आया किसान, गजब का है भौकाल, देखने वाले रह गए हैरान

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नाथ नगरी बरेली :   किसान शब्द सुनते ही आपके जेहन में ज्यादातर एक गरीब और तंगहाल शख्स की तस्वीर बनती होगी, मगर तब क्या होगा जब आपके सामने कोई किसान महंगी ऑडी कार से उतरकर बाजार में साग-सब्जी बेचता दिखे? जी हां, बरेली का एक किसान सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ इसी वजह से काफी वायरल है. दरअसल, बरेली का एक किसान बाजार में साग-सब्जी बेचने अपनी ऑडी A4 चलाकर गया, इसके बाद उन्हें जिसने भी देखा हैरान रह गया.  36 वर्षीय सुजीत एसपी को नवीन कृषि तकनीकों के बारे में जागरूकता फैलाने, विभिन्न फसलें को उगाने और कृषि के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने का श्रेय जाता है. हालांकि, इस बार सुजीत अपने किसी नवीन कृषि पद्धतियों के लिए नहीं बल्कि अपनी सवारी के लिए सुर्खियों में हैं. जिस ऑडी ए4 कार से वह लाल पालक बेचने बाजार में गए, उसकी कीमत 44 लाख रुपये से अधिक है.

इसमें फंसती/मरती कौन हैं... छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय और निचले तबके की ज्यादातर पढ़ी लिखी लडकियाँ, जिनके परिवार का कोई राजनीतिक और क़ानूनी पकड़ नहीं होती...सीधे साधे और दुनियादारी से अनजान भोले भाले लोग।

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 2 मिनट का समय हो तो जरूर पढ़ें, आपकी आँखे खोलने के लिए बहुत है 👇 तीन चीजें... ध्यान देनें की हैं...... प्यार मोहब्बत को सपोर्ट / प्रोमोट कौन करता है... बॉलीवुड , टीवी सीरियल, प्राइवेट न्यूज चैनल/ FM रेडियो , वामपंथी , महिलावादी बुद्धिजीवी कमाई किसकी होती है... शुरू में... विदेशी गिफ्ट कम्पनियों की, विदेशी चाकलेट, बेकरी कम्पनियों की, विदेशी precaution ( गर्भनिरोधक गोलियों ) की , पोर्न इंडस्ट्रीज की, बॉलीवुड/फिल्मों की... बाद में... गर्भपात करने वाले डॉक्टर्स की, अजन्मे बच्चों को बेचकर, बाझपन/कैंसर/गुप्त रोग के डॉक्टर्स और स्त्री रोग विशेषज्ञों की, सोशल नेट्वर्किंग एप्प और पोर्न साईट की, सच्ची घटनाओं पर आधारित टीवी सीरियल/शोर्ट मूवी की, ट्रैफिकिंग के बाद अंग व्यापार और जू प्रोडक्ट इंडस्ट्रीज की, महिला सुरक्षा के खोखले वादों पर वोट बनाने वाले और फर्जी योजनाएं चलाने वाले नेताओं...और भी कई हैं...बड़े छोटे... इसमें फंसती/मरती कौन हैं... छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय और निचले तबके की ज्यादातर पढ़ी लिखी लडकियाँ, जिनके परिवार का कोई राजनीतिक और क़ानूनी पकड़ नहीं होती...सीधे साधे और दुनियादारी...

वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ की सलाह

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  एक व्यक्ति ने व्यापार में उन्नति की और लंदन में ज़मीन ख़रीद उस पर आलीशान घर बनाया। भूमि पर पहले से ही एक खूबसूरत स्विमिंग पूल और पीछे की और एक 100 साल पुराना लीची का पेड़ था। उन्होंने वो भूमि उस लीची के पेड़ के कारण ही ख़रीदी थी, क्यूँकि उनकी पत्नी को लीचियाँ बहुत पसंद थी। कुछ अरसे बाद Renovation के समय उनके कुछ मित्रों ने सलाह दी,उन्हें किसी वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यद्यपि उसे ऐसी बातों पर विश्वास नहीं था, फिर भी मित्रों का मन रखने के लिए उन्होंने बात मान ली और Hongkong से 30 साल से वास्तु शास्त्र के बेहद प्रसिद्ध Master Cao को बुलवा लिया। उन्हें Airport से लिया, दोनों ने शहर में खाना खाया और उसके बाद वो उन्हें अपनी कार में ले कर अपने घर की ओर चल दिए। रास्ते में जब भी कोई कार उन्हें Overtake करने की कोशिश करती, वो उसे रास्ता दे देते। Master Cao ने हंसते हुए कहा आप बहुत Safe driving करते हैं। उसने भी हंसते हुए प्रत्युत्तर में कहा लोग अक्सर Overtake तभी करते हैं जब उन्हें कुछ आवश्यक कार्य हो, इसलिए हमें उन्हें रास्ता देना चाहिए। घर के पास पहुँचते-पहुँचते सड़क थो...

विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है

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रवि पटेल विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है  1-Divorce (अंग्रेजी)  2-तलाक (उर्दू)  कृपया हिन्दी का शब्द बताए...?? एक दिन खबर आई कि... एक आदमी ने झगड़े के बाद... अपनी पत्नी की हत्या कर दी...। मैंने खब़र में हेडिंग लगाई कि... "पति ने अपनी बीवी को मार डाला"...! खबर छप गई..., किसी को आपत्ति नहीं थी...। पर शाम को... दफ्तर से घर के लिए निकलते हुए... प्रधान संपादक ... सीढ़ी के पास मिल गए...। मैंने उन्हें नमस्कार किया... तो कहने लगे कि....., पति की... 'बीवी' नहीं होती...!" “पति की... 'बीवी' नहीं होती?” मैं चौंका था " “बीवी" तो... 'शौहर' की होती है..., 'मियाँ' की होती है..., पति की तो... 'पत्नी' होती है...! "  "भाव तो साफ है न ?" बीवी कहें... या पत्नी... या फिर वाइफ..., सब एक ही तो हैं..., लेकिन मेरे कहने से पहले ही... उन्होंने मुझसे कहा कि... "भाव अपनी जगह है..., शब्द अपनी जगह...! कुछ शब्द... कुछ जगहों के लिए... बने ही नहीं होते...! ऐसे में शब्दों का घालमेल गड़बड़ी पैदा करत...

गंग वंश,काकतीय वंश इतिहास गंगवार

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 भारत में गंग वंश नाम के दो अलग-अलग, लेकिन दूर के संबंधी राजवंश थे। https://youtu.be/7uOBVpZA6I0 इस वंस के लोग आज गंगवाल / गंगवार /सिंगरौर, उमराव, चंद्राकर, गंगवार, कम्मा, कान्बी, कापू, कटियार, कुलंबी, कुलवाड़ी, कुनबी, कुटुम्बी, नायडू, पटेल, रेड्डी, सचान, वर्मा और वोक्कालिगा /गहरवार / रेड्डी/ रावत/ मराठा ठाकरे/ प्रसाद, सिन्हा, सिंह, प्रधान, बघेल, चौधरी, पाटीदार, कुनबी, कुमार, पाटिल, मोहंती, कनौजिया  आदि नाम से जाने जाते है । पश्चिमी गंग वंश (250 से लगभग 1004 ई)पूर्वी गंग वंश (1028 से 1434-35 ई.) इतिहास पश्चिमी गंग वंश का 250 से लगभग 1004 ई. तक मैसूर राज्य (गंगवाड़ी) पर शासन था। पूर्वी गंग वंश ने 1028 से 1434-35 ई. तक कलिंग पर शासन किया। इस नाम के भारत में दो अलग-अलग, लेकिन दूर के संबंधी राजवंश थे। पश्चिमी गंग वंश के प्रथम शासक, कोंगानिवर्मन, ने अपने विजय अभिमानों से राज्य की स्थापना की, लेकिन उनके उत्तराधिकारियों माधव और हरिवर्मन ने पल्लवों, चालुक्यों और कंदबों के साथ वैवाहिक और सैनिक समझौतों से अपने प्रभाव क्षेत्रों में वृद्धि की। आठवीं शताब्दी के अंत में एक पारिवारिक विवाद ...