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क्या इजराइल 56 मुस्लिम देशों को अकेले हरा सकता है?

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56 देशो में से 40 को भूल जाइये……क्यो की वो भुख से लड़ रहे है…..अब बात करते ह 16 देशो की….सऊदी,पाकिस्तान, तुर्की,इराक,इरान, कतर, UAE,मिस्र, लेबनान, जॉर्डन, मलेशिया, इंडोनेशिया, आदि देश…….इन देशों की आपस मे बनती नही ह…. जैसे -सऊदी की तुर्की से,,इराक की ईरान से,,कतर की इराक से आदि…इंडोनेशिया और मलेशिया इनको कोई मतलब ही नही ह….फिर भी मान लेते ह की सभी देश साथ आ जाये तो क्या होगा….सबसे पहले ये 1947 और 1967 में साथ आ चुके ह जिसमें इसराएल की जीत हुई थी…..अगर ये साथ आ जाये तो परमाणु युद्व होगा ,,ये आप मानकर चलिए,,जिसमे बहुत से देश खत्म हो जायेंगे,,,ये बात इन देशों को भी पता है…..इसलिए ये सब देश ट्विटर पर ही युद्ध कर रहे ह ….जिसमें सबसे ज्यादा युद्ध के लिए बेकरार पाकिस्तान हो रहा हैं.बस ट्विटर पर…. 

इज़रायल में 330 ई.पू से हैं यहूदी

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  सन् 330 ई.पू. में सिकन्दर ने ईरान को जीतकर वहाँ के हख़ामनी साम्राज्य का अन्त कर दिया। सन् 320 ई.पू. में सिकन्दर के सेनापति तोलेमी प्रथम ने इज़रायल और यहूदा पर आक्रमण कर उसपर अपना अधिकर कर लिया। बाद में सन् 198 ई॰पू॰ में एक दूसरे यूनानी परिवार सेल्यूकस राजवंश का अंतिओकस चतुर्थ यहूदियों के देश का अधिराज बना। जेरूसलम के बलवे से रुष्ट होकर अन्तिओकस ने उसके यहूदी मन्दिर को लूट लिया और हजारों यहूदियों का वध करवा दिया, शहर की चहारदीवारी को गिराकर जमीन से मिला दिया और शहर यूनानी सेना के सपुर्द कर दिया। अंतिओकस ने यहूदी धर्म का पालन करना इज़रायल और यहूदा दोनों जगह कानूनी अपराध घोषित कर दिया। यहूदी मन्दिरों में यूनानी मूर्तियाँ स्थापित कर दी गईं और तौरेत की जो भी प्रतियाँ मिलीं आग के सपुर्द कर दी गईं। यह स्थिति सन् 142 ई॰पू॰ तक चलती रही। सन् 142 ई॰पू॰ में एक यहूदी सेनापति साइमन ने यूनानियों को हराकर राज्य से बाहर निकाल दिया और यहूदा तथा इज़रायल की राजनीतिक स्वाधीनता की घोषण कर दी। यहूदियों की यह स्वाधीनता 141 ई॰पू॰ से 63 ई॰पू॰ तक बराबर बनी रही। यह वह समय था जब भारत में बौद्ध भिक्षु और भारत...

राजकुमारी लतीफा कौन हैं? उन्हें क्यों कैद कर के रखा गया है?

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        4 मार्च 2018 की रात थी केरल के समुद्र तट से कुछ दूरी पर एक विदेशी बड़ी नौका Nostromo भारतीय समुद्र में लंगर डाले हुए थी.... उसे भारतीय तटरक्षक बल ने वहाँ रोका हुआ था उस नौका पर डेढ़ दर्जन लोग सवार थे और उनमें से कई बढ़िया से ट्रेनिंग पाए हथियार लिए पूर्व सैनिक भी थे... रात के घुप अंधेरे में भारतीय नौसेना के MARCOS कमांडो एक छोटी नौका से #Nostromo के करीब पहुंचे.... ये सिर्फ 6 लोग उस नौका पर चढ़ गए और अगले सिर्फ 10 मिनट में ऑपरेशन पूरा हो गया..... सभी सवार पीछे हाथ बंधे नौका पर बैठे थे सिर्फ एक को छोड़..... उस एक युवती को तत्काल हेलीकाप्टर से भारतीय नौसेना के एक बेस पर पहुँचा दिया गया...... और इसकी सूचना सीधे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के जरिये प्रधानमंत्री को दे दी गयी.... कौन थी ये युवती.... जिसके लिए ये सब हुआ... और खबर भी नहीं बनने दी गयी...?? 02 मार्च 2018 को भारत के प्रधानमंत्री के पास एक फ़ोन आया ये फ़ोन था UAE के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मखतूम का, पर ये कोई आधिकारिक फ़ोन कॉल न थी..... ये एक पिता का फोन था जो अपनी बेटी को सुरक्षित वापस ला कर अपन...

श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर।

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  श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर। आँखो में आंसू ला दिये इस कहानी ने  "अरे! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहीं होता . अस्सी पार चुके हैं . अब बस सेवा कीजिये ." डाक्टर पिता जी को देखते हुए बोला . "डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा . साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है ." "शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही कर सकता हूँ . बस आप इन्हें खुश रखिये . इस से बेहतर और कोई दवा नहीं है और इन्हें लिक्विड पिलाते रहिये जो इन्हें पसंद है ." डाक्टर अपना बैग सम्हालते हुए मुस्कुराया और बाहर निकल गया . शंकर पिता को लेकर बहुत चिंतित था . उसे लगता ही नहीं था कि पिता के बिना भी कोई जीवन हो सकता है . माँ के जाने के बाद अब एकमात्र आशीर्वाद उन्ही का बचा था . उसे अपने बचपन और जवानी के सारे दिन याद आ रहे थे . कैसे पिता हर रोज कुछ न कुछ लेकर ही घर घुसते थे . बाहर हलकी-हलकी बारिश हो रही थी . ऐसा लगता था जैसे आसमान भी रो रहा हो . शंकर ने खुद को किसी तरह समेटा और पत्नी से बोला - "सुशीला ! आज सबके लिए मूंग दाल के पकौड़े , हरी चटनी बनाओ . मैं बाहर से जलेबी लेकर आता हूँ ." पत्नी ने दाल पहले ही भ...