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दिसंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गांव गांव और शहर शहर में, हर तरफ हरियाली हो

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गांव गांव और शहर शहर में, हर तरफ हरियाली हो। दुनिया का क्या मंजर होगा, चहुं ओर खुशहाली हो।। सड़क सुरक्षा सबकी रक्षा, यह पैगाम हमारा हो।  दुर्घटना ग्रस्तों की रक्षा , यह   अंजाम हमारा हो।  अनहोनी  ना  होने   देंगे, हर  घर में दिवाली हो।।  गांव गांव और शहर,,,,,,,,,,,,,,,,,  उद्योगों में काम करें तो, अंदर   जब  भी जाना हो।  कड़ी सुरक्षा ध्यान  रखें हम, ऐसा  हमने  ठाना हो।  जिंदगीयां  ना खोने देंगे हम, ना कहीं बदहाली हो।।  हर घर में दिवाली हो घर घर में दिवाली हो,,,,,,,, कृषि में  जो  काम  करें  वह,  सावधानी का ध्यान रखें।  कशी फावड़ा और ट्रैक्टर से, सुरक्षा का भी ख्याल रखें।  इतने   पेड़  लगा  देंगे  हम,  हर  घर  में  एक माली हो।। गांव गांव और शहर शहर में, हर तरफ हरियाली हो।  दुनिया का क्या मंजर होगा, चहुं ओर खुशहाली हो।।                   ...

मौत का कारोबार, दूसरों की मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है, शाकाहारी

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पोस्ट पूरी पढें 👇 अपनी मृत्यु..... अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है बाकी तो मौत का उत्सव मनाता है मनुष्य...। मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य.... थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है......। मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है। बकरे का, पाए का, तीतर का, मुर्गे का, हलाल का, बिना हलाल का, ताजा बच्चे का, भुना हुआ, छोटी मछली, बड़ी मछली, गाय का भैंस का मांस के लोथड़ों को कूच कर कबाब हल्की आंच पर सिका हुआ। न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के। क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा.... स्वाद से कारोबार बन गई मौत। मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स। नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"। स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है। जो हमारी तरह बोल नही सकते, अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं, उनकी हत्या को हमने अपना बल कैसे मान लिया ? कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ? या उ...

जो राम को लाये हैं, हम उनको लायेंगे

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ॐयोगी कौन हैं, एक नया किस्सा, दिललचस्पॐ

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- रवि गंगवार ॐयोगी का व्याख्यनॐ इसका जवाब जानकर  खुश हो जाओगे।  १: आयुर्वेद और मेडिकल सांईस में *शहद को अमृत के समान माना गया हैं। लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि शहद को अगर कुत्ता चाट ले तो वह मर जाता हैं। यानी जो मनुष्यों के लिये अमृत हैं वह शहद कुत्तों के लिये जहर है। २: शुद्ध *देशी गाय के घी को आयुर्वेद और मेडिकल सांईस औषधीय गुणों का भंडार मानता हैं। मगर आश्चर्य, गंदगी से प्रसन्न रहने वाली *मक्खी* कभी शुद्ध देशी घी को नहीं खा सकती। गलती से अगर *मक्खी* देशी घी पर बैठ कर चख भी ले तो वो तुरंत तड़प तड़प कर वहीं मर जाती है।  ३: आर्युवेद में *मिश्री* को भी औषधीय और श्रेष्ठ मिष्ठान्न माना गया हैं। लेकिन आश्चर्य, अगर *गधे को एक डली मिश्री खिला दी जाए, तो कुछ समय में उसके प्राण पखेरू उड़ जाएंगे। यह अमृत समान श्रेष्ठ मिष्ठान, मिश्री *गधा* कभी नहीं खा सकता हैं। ४: नीम के पेड़ पर लगने वाली पकी हुई निम्बोली में कई रोगों को हरने वाले औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद उसे *"उत्तम औषधि"* कहता हैं।लेकिन रात दिन नीम के पेड़ पर रहने वाला *कौवा* अगर निम्बोली खा ले तो उस कौवे की मृत्यु निश्चि...

बिपिन रावत जी की मौत पर खुशी मनाने वालों से नाराज फिल्ममेकर अली अकबर ने छोड़ा इस्लाम

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  नई दिल्ली:  देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बीते बुधवार को हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया था. इस घटना से आहत पूरा देश शोक मना रहा था. वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसका मजाक उड़ा रहे थे. देश भर में ऐसे लोगों का विरोध हुआ, लेकिन मलयालम फिल्म डायरेक्टर अली अकबर को इन कट्टरपंथियों की हरकत से इतना दुख पहुंचा कि उन्होंने अपना धर्म बदलने का फैसला कर लिया. शनिवार को अली अकबर और उनकी पत्नी लुसीअम्मा ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. इसके साथ ही हिंदू नाम भी अपना लिया है.  न्यूज एजेंसी ANI के ट्वीट के मुताबिक, मलयालम फिल्म डायरेक्टर अली अकबर ने हिंदू धर्म अपना लिया है. इसके साथ ही अपना नाम बदलकर रामसिम्हा कर लिया है. उन्होंने कहा, ये उन मुसलमानों के खिलाफ एक विरोध है जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन से जुड़ी पोस्ट पर स्माइली बना रहे थे. धार्मिक नेता उन्हें क्यों नहीं सुधार रहे हैं?  पूरा मामला? दरअसल, अली अकबर ने  सीडीएस  बिपिन रावत के निधन पर एक लाइव वीडियो बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. जिस पर कुछ कट्टरपंथियों ने हंसने वाली इमोजी शेयर ...

भोपाल गैस त्रासदी में कैसे बचा कुशवाह परिवार गाय और हवन की शक्ति सनातन भक्ति

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 34 साल पहले 2-3 दिसम्बर 1984 को देश में एक भीषण त्रासदी हुई थी, जिसे भोपाल गैस कांड का नाम दिया गया। मध्य प्रदेश के भोपाल यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ, जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान चली गई और कई लोग शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए, जो आज भी त्रासदी की मार झेल रहे हैं। तबाही की इस काली रात में हजारों परिवारों के बीच भोपाल में कुशवाहा परिवार भी था। पेशे से एस एल कुशवाहा टीचर थे। उनके साथ उनकी पत्नी भी थी। गैस रिसाव के बाद जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया स्थितियां विस्फोटक होती गई। बच्चों की हालत भी खराब होने लगी और बाहर से रोने और शोर-शराबे की आवाजें आने लगीं। बाद में पता चला कि यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से गैस लीक लगी है।  चारों ओर से आ रही भगदड और भयावह आवाजों के बीच कुशवाहा दंपति भी डर गये। चूंकि कुशवाहा परिवार में रोज सुबह और शाम के वक्त 'अग्निहोत्र यज्ञ' होता था। इसलिए उस काली रात में भी कुशवाहा परिवार ने अग्निहोत्र यज्ञ, त्र्यंबकम होम करना जारी रखा। इसके बाद लगभग 20 मिनट के अंदर ही उनका घर और उसके आस-पास का वातावरण ...

उत्सुक कैसे जागें

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  जब आप हर सुबह बिस्तर से उठते हैं, तो सभी उत्साह, प्रेरणा और उत्सुकता से भर उठते हैं ... हुह? वह क्या है? आप सुबह ज्यादा जंपिंग नहीं करते हैं? ठीक है, ठीक है, जब आप हर सुबह बिस्तर से आराम करते हैं, तो सभी उत्सुक और उत्साही होते हैं ... हुह? वह क्या है? आप भी ऐसा नहीं करते? ठीक है, ठीक है, जब आप हर सुबह बिस्तर पर लेटे होते हैं और सोचते हैं कि आपको उठने के लिए क्यों परेशान होना चाहिए ... क्या आपका दिमाग उन सभी चीजों पर चमकता है जो आपको आज करने को मिलती हैं, या क्या यह उन सभी चीजों से भरा है जो आप आज करना है? क्या अंतर है, आप पूछें? अरे चलो, कोई भी दस साल का बच्चा इसका जवाब दे सकता है। यह "क्रिसमस का दिन है" सोचने या "आज मेरी अंतिम परीक्षा है" सोचने के बीच का अंतर है। और इसका सामना करते हैं, हम में से अधिकांश ऐसे जीते हैं जैसे हम हर एक दिन अंतिम परीक्षा का सामना कर रहे हों। प्रत्येक सूर्योदय हमारे पुराने बोझ से निपटने के लिए और अधिक लड़ाई, अधिक संघर्ष, अधिक कुत्ते ट्रूडिंग, अधिक निराश प्रयास लाता है। इस बीच, कुछ खुश लोग वास्तव में उत्सुकता से जागते हैं। जैसे ही प्रकाश...

सम्मोहन धूम्रपान छोड़ने की तकनीक

  धूम्रपान शुरू करना बहुत आसान है लेकिन इसे छोड़ना एक कठिन काम है। किसी भी चेन धूम्रपान करने वाले या यहां तक ​​कि उस व्यक्ति से भी पूछें जो प्रतिदिन केवल कुछ सिगरेट पीता है। आमतौर पर कोई व्यक्ति कुछ दिनों के लिए धूम्रपान बंद कर सकता है, तो धूम्रपान करने की इच्छा इतनी प्रबल होती है कि सब कुछ बना देता है इसे फिर से शुरू करने के लिए तरह-तरह के बहाने। तो आप एक वर्ग में वापस आ गए हैं। धूम्रपान छोड़ने के लिए सभी तरह के तरीकों की वकालत की गई है, लेकिन जिसने बड़ा प्रभाव डाला है वह सम्मोहन है। सम्मोहन छोड़ने के धूम्रपान के तरीकों ने चिकित्सा बिरादरी को दो में विभाजित कर दिया है। जबकि कुछ लोगों का तर्क है कि सम्मोहन छोड़ने के धूम्रपान के तरीके लंबे समय में प्रभावी नहीं होते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो सम्मोहन का उपयोग करके धूम्रपान छोड़ने की वकालत करते हैं। उन्हें लगता है कि धूम्रपान छोड़ने के लिए सम्मोहन उतना ही प्रभावी है जितना कि धूम्रपान छोड़ने में मदद करने वाले उत्पाद। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने समय से धूम्रपान कर रहे हैं, चाहे आप सामाजिक धूम्रपान करने वाले हों या चेन धूम्रपा...

दर्द के प्रबंधन में सम्मोहन

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  हम सभी समय-समय पर अभिभूत हो जाते हैं, और कभी-कभी ऐसा लगता है कि दिन में 24 घंटे सब कुछ पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है जो हम चाहते हैं। आइए इसे विचार मंथन सत्र मानें!          आइए इसका सामना करें: यह छोटी सी चीज जिसे हम जीवन कहते हैं, कभी-कभी व्यस्त हो सकती है। एक दिन में हम जो विभिन्न चीजें हासिल करते हैं, उनके बीच कभी-कभी जीवन के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो सकता है। हम सभी कभी-कभार थोड़ी मदद का उपयोग कर सकते हैं, और यह ठीक है। फ्रैंकलिन कोवे और कूपन कार्ट आपकी सहायता के लिए यहां हैं! आप अपने सपनों और इच्छाओं को प्राप्त कर सकते हैं जो आपके व्यक्तित्व में सुधार, आपके धन में वृद्धि, प्यार को आकर्षित करने और खुद को आकर्षक बनाने जैसे विविध हो सकते हैं। इन चरणों का पालन करें जिन्हें मैंने विशेष रूप से किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करने के लिए पाया है जो पावर ऑफ क्रिएटिव विज़ुअलाइज़ेशन के लिए नया है।